Sai Baba Aarti Lyrics- साईं बाबा की आरती

Sai Baba Aarti – साईं बाबा की आरतीसाईं बाबा (1856 – 15 अक्टूबर, 1918) एक भारतीय फकीर थे। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के राहाता तालुका के शिरडी गांव में रहने के कारण उन्हें ‘शिरडी के साईं बाबा’ के रूप में भी जाना जाता है। यहीं से बाबा ने सभी को श्रद्धा और सबुरी का महामंत्र दिया।

शिरडी की यात्रा से प्राप्त मन की शांति और आत्मविश्वास ने भारत सहित दुनिया भर के लाखों भक्तों के लिए शिरडी को पूजा स्थल बना दिया है।

माना जाता है कि साईं बाबा भी मोमिन वंश के मुसलमान थे। वह मस्जिद में रहकर नमाज पढ़ते थे। उनके कपड़े हमेशा सफेद होते थे। जब उन्हें पहली बार म्हालसा पतियों (शिरडी के पुजारी) ने देखा, तो साईं कहकर उन्हें बुलाया, क्योंकि उस समय लोग मराठी-उर्दू-फारसी मिश्रित भाषा का इस्तेमाल करते थे, साई का अर्थ है ‘फकीर’ या ‘यवानी संत’।

साईं बाबा के लिए हिंदू और मुस्लिम समेत सभी लोग समान थे। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की शिक्षा दी। “सबका मालिक एक” और “अल्लाह मालिक” यह साईं के शब्द थे। 15 अक्टूबर 1918 को दशहरा के दिन शिरडी में साईं बाबा की मृत्यु हो गई।

Sai Baba Aarti Lyrics- साईं बाबा की आरती
बाबा की आरती

Sai Baba Aarti – साईं बाबा की आरती

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥ ॐ जय...॥
दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥

Sai Baba Aarti – साईं बाबा की आरती

काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥

Sai Baba Aarti – साईं बाबा की आरती

भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय...॥
ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥
श्री सद्गुरु साईंनाथ महाराज की जय॥
evening sai baba aarti lyrics – बाबा की आरती – SUNDRANI

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साईं बाबा (1856 – 15 अक्टूबर, 1918) एक भारतीय फकीर थे। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के राहाता तालुका के शिरडी गांव में रहने के कारण उन्हें ‘शिरडी के साईं बाबा’ के रूप में भी जाना जाता है। यहीं से बाबा ने सभी को श्रद्धा और सबुरी का महामंत्र दिया।

शिरडी की यात्रा से प्राप्त मन की शांति और आत्मविश्वास ने भारत सहित दुनिया भर के लाखों भक्तों के लिए शिरडी को पूजा स्थल बना दिया है।

Sai Baba Aarti Lyrics- साईं बाबा की आरती
बाबा की आरती

माना जाता है कि साईं बाबा भी मोमिन वंश के मुसलमान थे। वह मस्जिद में रहकर नमाज पढ़ते थे। उनके कपड़े हमेशा सफेद होते थे। जब उन्हें पहली बार म्हालसा पतियों (शिरडी के पुजारी) ने देखा, तो साईं कहकर उन्हें बुलाया, क्योंकि उस समय लोग मराठी-उर्दू-फारसी मिश्रित भाषा का इस्तेमाल करते थे, साई का अर्थ है ‘फकीर’ या ‘यवानी संत’।

साईं बाबा के लिए हिंदू और मुस्लिम समेत सभी लोग समान थे। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता की शिक्षा दी। “सबका मालिक एक” और “अल्लाह मालिक” यह साईं के शब्द थे। 15 अक्टूबर 1918 को दशहरा के दिन शिरडी में साईं बाबा की मृत्यु हो गई।

Sai Baba Aarti Lyrics- साईं बाबा की आरती
बाबा की आरती

श्री शिरडी साईं बाबा की आरती… ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे. भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण, शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे…ॐ जय

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